शनिवार, 20 दिसंबर 2008

वो एक ख्वाहिश है..!!!

वो एक ख्वाहिश है, अपनी आंखों से कुछ तलाशती है,

वो एक दरिया है, कभी हंसती कभी मुस्कुराती है,

वो कहीं दूर से आती आवाज़ है, सुनती है सुनाती है,

वो एक मीठी ग़ज़ल सी है, चुपके से दिल में उतरती है,

वो कहीं घास पर बैठी ओस जैसी है, नर्म नाज़ुक मगर हलकी सी है,

कभी शोखी सी घोलती है, फ़िर भी शीतल सी है,

सुना था कहीं चंचल सी है, छू कर देखा तो हलचल में भी थमी सी है,

आती है पास सोचकर की बैठेगी वो अभी, दूर तभी दिखती वो भागती सी है,

हर पल को महसूस सा करती है, अपनी बातो में हर रंग घोलती सी है,

नज़र को भी नज़ारे देखती दिखाती है, मोहती हर लम्हे को मोहिनी सी है

2 टिप्‍पणियां:

chweetumohini ने कहा…

shabdon ke sath jo khel ap khelte ho wo wakai lajawab hai...............kavita likhne main apka nahi koi jawab hai.......shantanu tussi great ho ji.............................oye jayada tareef ho gayi galti se ,he he he

Mukul ने कहा…

yaar tumaharee tarah likhne ki tammna hai khair ab tumne I next maen likhna shuru kar diya isi bahane tum mera bhee article padhoge.